Wednesday 19 February 2014

नज़म -मैं जिससे प्यार करती हूँ
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मै जिससे प्यार करती हूँ
मेरी आँखों की ठंडक है
मेरी साँसों की खुशबू है
मेरी धड़कन की धक-धक है
मेरे होने का मतलब है
मेरे ख्वाबों का किस्सा है
मेरे तन-मन का हिस्सा है 
जिससे प्यार करती हूँ 
उसे जाँचा बहुत हमने
उसे परखा बहुत हमने
उसे सोचा बहुत हमने
उसे देखा बहुत हमने
मैं जिससे प्यार करती हूँ
लगा वह मेरे काबिल है
लगा वह मेरा सपना है
लगा वह मुझमें शामिल है
लगा वह मेरे लायक है
उसी दम हो गयी उसकी
मैं जिससे प्यार करती हूँ
हाँ उससे प्यार करती हूँ

---कमला सिंह 'ज़ीनत'

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