Thursday 16 October 2014

जिस्म में आग लगाकर वो ऊँची सीढी़ पर
तमाशबीनों की ताली पे मुस्कुराता है
ग़रीब आदमी दो वक्त़ की रोटी के लिये
सुलगते मौत के कुएँ में कूद जाता है 
-----कमला सिंह 'ज़ीनत'

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