Wednesday 30 August 2017

खु़दाया खै़र करे
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जब दिल के बंधन खुलते हैं
खुश्बू के रस रस घुलते हैं
तू याद बहुत ही आता है
अनजाने में तड़पाता है
तेरी यारा ऐसी लत लागी
मैं कब सोई और कब जागी
तू काहे मुझसे बैर करे
मेरे अंदर अंदर सैर करे
तेरा यार खु़दाया खै़र करे
तेरा यार खु़दाया खै़र करे।
__कमला सिंह "जी़नत"

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